अगर आप AKTU के M.Tech, M.Pharm या M.Arch कोर्स में हैं, तो यह खबर आपके लिए गेम-चेंजर हो सकती है – क्योंकि सर्कुलर की यह टाइट डेडलाइन न केवल आपकी डिग्री को प्रभावित करेगी, बल्कि रिसर्च की गुणवत्ता को भी नया आयाम देगी। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय ने 1 दिसंबर 2025 को जारी सर्कुलर (रेफ. नं. AKTU/Dean-PGSR/2025/9467) में सत्र 2024-25 के रेगुलर और कैरी ओवर छात्रों के लिए डिसर्टेशन मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया स्पष्ट की है।
खास बात यह है कि सब कुछ ऑफलाइन मोड में होगा, जिसमें Turnitin से प्लेजरिज्म चेक अनिवार्य है। पुराने सेशन्स (2020-21 से 2023-24) के लंबित केस भी कवर होंगे, लेकिन 18 से 30 दिसंबर 2025 तक ERP पर अपलोड न करने पर आवेदन रद्द हो जाएगा। आज 20 दिसंबर होने के कारण मात्र 10 दिन बचे हैं – अगर आपने अभी तक प्लेजरिज्म रिपोर्ट नहीं जनरेट की, तो अभी शुरू करें, वरना डिग्री में देरी हो सकती है।
एक नजर में मुख्य अपडेट्स
- ऑफलाइन मूल्यांकन: डिसर्टेशन और मौखिक परीक्षा (विवेक) पूरी तरह फिजिकल मोड में, जो रिसर्च की गहराई को बेहतर जांचने में मदद करेगा।
- प्लेजरिज्म सख्ती: 2020 गाइडलाइन्स (पत्रांक 3959) के तहत Turnitin चेक जरूरी; सर्टिफिकेट के बिना रिजेक्ट का खतरा।
- सबमिशन विंडो: 18-30 दिसंबर 2025 तक ERP से अपलोड, उसके बाद फीस पेमेंट – मिस करेंगे तो जिम्मेदारी आपकी।
एक सीनियर जर्नलिस्ट और एजुकेशन एक्सपर्ट के तौर पर, मैंने सालों से AKTU जैसे टेक्निकल यूनिवर्सिटीज के अपडेट्स कवर किए हैं। यह सर्कुलर न केवल प्रक्रिया को स्ट्रीमलाइन करता है, बल्कि छात्रों को ओरिजिनल रिसर्च की आदत डालता है – जो इंडस्ट्री में आगे चलकर फायदा देगा। लेकिन टाइट टाइमलाइन से स्ट्रेस भी बढ़ सकता है। आइए, गहराई से समझें कि यह अपडेट M.Tech (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचेस), M.Pharm (फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी) और M.Arch (अर्बन प्लानिंग, आर्किटेक्चरल डिजाइन) के छात्रों के लिए क्या मतलब रखता है।
छात्रों को बड़ा फायदा: रिसर्च की विश्वसनीयता बढ़ेगी, लेकिन तैयारी जरूरी
इस सर्कुलर का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि ऑफलाइन विवा से छात्रों की असली समझ का टेस्ट होगा। उदाहरण के लिए, M.Tech के CSE ब्रांच में AI-बेस्ड प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले छात्र अब सिर्फ थ्योरी नहीं, प्रैक्टिकल एप्लीकेशन दिखा सकेंगे। इसी तरह, M.Pharm के फार्माकोलॉजी स्टूडेंट्स को ड्रग डेवलपमेंट पर उनकी इनोवेटिव अप्रोच को डेमो करने का मौका मिलेगा, जो फार्मा इंडस्ट्री (जैसे Cipla या Sun Pharma) में जॉब्स के लिए क्रूसियल है। M.Arch में अर्बन प्लानिंग ब्रांच के लिए, फिजिकल मॉडल प्रेजेंटेशन से क्रिएटिविटी हाइलाइट होगी।
मेरी नजर में, Turnitin चेक (जिसकी लिमिट आमतौर पर 10% तक स्वीकार्य है) छात्रों को कॉपी-पेस्ट से दूर रखेगा। एक हालिया ऑनलाइन डिस्कशन में छात्रों ने शेयर किया कि कैसे रेफरेंसेज को एक्सक्लूड न करने से स्कोर हाई आ जाता है, लेकिन सही क्वोटेशन से समस्या हल हो जाती है। यह बदलाव रिसर्च कल्चर को मजबूत करेगा, क्योंकि AKTU जैसे यूनिवर्सिटी में हर साल हजारों PG थिसिस सबमिट होते हैं – गुणवत्ता बढ़ने से डिग्री की वैल्यू राष्ट्रीय स्तर पर ऊपर चढ़ेगी।
फिर भी, फायदा तभी है जब आप अभी एक्शन लें। ERP लॉगिन से सेशनल्स भरें, MS Word में AKTU गाइडलाइन्स (वेबसाइट पर उपलब्ध Ph.D/M.Tech/M.Pharma फॉर्मेट) फॉलो करें – कवर पेज, हस्ताक्षरित प्रारूप सब सिंगल फाइल में। सुपरवाइजर से काउंटरसाइन लें, क्योंकि बिना इसके कॉलेज फॉरवर्ड नहीं करेगा।
चुनौतियां जो नजरअंदाज न करें: डेडलाइन मिस से डिग्री डिले, प्लेजरिज्म रिजेक्ट का रिस्क
दूसरी तरफ, यह अपडेट कुछ छात्रों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है, खासकर कैरी ओवर वाले या दूर-दराज संस्थानों (जैसे गोरखपुर या कानपुर के कॉलेजेस) में पढ़ने वालों के लिए। ऑफलाइन विवा का मतलब ट्रैवल और तैयारी का अतिरिक्त बोझ है – अगर आप लखनऊ से 200 किमी दूर हैं, तो जनवरी 2026 में शेड्यूल्ड विवा के लिए प्लानिंग जरूरी। प्लेजरिज्म चेक में अगर रिपोर्टरी में जमा हो गया (जो नोट 6 में साफ मना है), तो यूनिवर्सिटी खुद चेक करके रिजेक्ट कर सकती है, और फिर सुपरवाइजर-छात्र पर ऐक्शन।
एक पुरानी डिस्कशन से पता चला कि कई M.Tech स्टूडेंट्स को फॉर्मेटिंग मिस्टेक्स (जैसे 1.5 लाइन स्पेसिंग न होना) से रिजेक्ट का सामना करना पड़ा, जिससे 6 महीने की डिले हुई। मेरी राय? अभी चेक करें – अगर स्कोर हाई है, तो पैराफ्रेजिंग से ठीक करें। नुकसान यह है कि छोटी गलती से पूरा सेशन वेस्ट, लेकिन फायदा यह कि समय पर सुधार से आपकी थिसिस पब्लिश-रेडी बनेगी। कुल मिलाकर, यह प्रक्रिया छात्रों को जिम्मेदार बनाती है, लेकिन अगर गाइडलाइन्स इग्नोर कीं तो नुकसान आपका।
| चरण | क्या करें | अंतिम तिथि/टिप्स | संभावित समस्या |
|---|---|---|---|
| 1. ERP अपलोड | संस्थान के डायरेक्टर लॉगिन से इंफो/सेशनल्स भरें, थीसिस MS Word में अपलोड (कवर पेज + हस्ताक्षरित फॉर्म) | 30 दिसंबर 2025 | फॉर्मेट गलत तो रिजेक्ट; AKTU साइट से गाइड डाउनलोड करें। |
| 2. प्लेजरिज्म चेक | Turnitin से रिपोर्ट जनरेट, सुपरवाइजर काउंटरसाइन + कॉलेज फॉरवर्ड | अपलोड से पहले | 10% से ऊपर तो री-एडिट; रेफरेंस एक्सक्लूड करें। |
| 3. फीस पेमेंट | छात्र के ERP से करें | अपलोड के तुरंत बाद | बिना पेमेंट आवेदन कैंसल; अन्य माध्यम न यूज करें। |
| 4. ऑफलाइन विवा | मूल्यांकन के बाद शेड्यूल | जनवरी 2026 (अनुमानित, पिछले साल दिसंबर-फरवरी था) | ट्रैवल प्लान करें; पुराने सेशन्स के लिए ऑर्डिनेंस चेक। |
डाउनलोड लिंक: पूरी डिटेल्स के लिए AKTU सर्कुलर PDF डाउनलोड करें। यह सर्कुलर 1 दिसंबर 2025 का है, जिसमें नोट्स भी शामिल हैं।

तत्काल इंपैक्ट: AKTU के PG प्रोग्राम्स में पारदर्शिता का नया दौर
यह अपडेट तुरंत हजारों छात्रों को प्रभावित करेगा, क्योंकि AKTU के 700+ संबद्ध कॉलेजेस में M.Tech की 50+ ब्रांचेस (जैसे VLSI डिजाइन, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग) चल रही हैं। M.Pharm में ड्रग रेगुलेटरी अफेयर्स ब्रांच के स्टूडेंट्स को फायदा, क्योंकि प्लेजरिज्म-फ्री थिसिस FDA-अप्रूव्ड रिसर्च के लिए मजबूत बेस बनेगी। M.Arch के सस्टेनेबल आर्किटेक्चर वाले प्रोजेक्ट्स अब ज्यादा स्क्रूटिनी से गुजरेंगे, जो ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन्स में मददगार।
पिछले साल के ट्रेंड्स से तुलना करें तो, 2023-24 में ऑनलाइन सबमिशन से तकनीकी ग्लिचेस हुए थे, लेकिन अब ऑफलाइन से रिलायबिलिटी बढ़ेगी। हालांकि, 20-30% थिसिस रिजेक्ट का रिस्क है अगर चेक फेल। इंपैक्ट? संस्थानों को स्टूडेंट्स को तुरंत अलर्ट करना पड़ेगा, वरना बैकलॉग बढ़ेगा।
लॉन्ग-टर्म इफेक्ट: AKTU डिग्री की वैल्यू बढ़ेगी, लेकिन रिसर्च स्टैंडर्ड्स ऊंचे होंगे
भविष्य में देखें तो, यह सर्कुलर AKTU को टॉप टेक्निकल यूनिवर्सिटीज की लिस्ट में धकेल सकता है। M.Tech मैकेनिकल ब्रांच के छात्रों के लिए, स्ट्रॉन्ग थिसिस से PSUs (जैसे BHEL) में एंट्री आसान होगी। M.Pharm के फार्मास्यूटिकल एनालिसिस वाले कोर्स में, क्लीन रिकॉर्ड से PhD स्कॉलरशिप्स मिलेंगी। M.Arch में लैंडस्केप डिजाइन ब्रांच को इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स (जैसे UNESCO साइट्स) से लिंक मिलेगा।
लॉन्ग-टर्म में, प्लेजरिज्म सख्ती से इंडियन रिसर्च की क्वालिटी 15-20% सुधरेगी, जैसा कि ग्लोबल स्टैंडर्ड्स (जैसे UGC गाइडलाइन्स) में देखा गया। लेकिन चुनौती यह कि स्टूडेंट्स को अब से ओरिजिनलिटी पर फोकस करना पड़ेगा – जो थकाऊ लगे, लेकिन करियर-बूस्टर साबित होगा। मेरे अनुभव से, ऐसे अपडेट्स से ग्रेजुएट्स ज्यादा कॉन्फिडेंट निकलते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
AKTU M.Tech डिसर्टेशन में प्लेजरिज्म स्कोर 15% आया तो क्या होगा?
2020 गाइडलाइन्स के मुताबिक, 10% से ऊपर रिजेक्ट का खतरा है, लेकिन रेफरेंसेज एक्सक्लूड करने से कम हो जाता है। एक डिस्कशन में स्टूडेंट्स ने बताया कि पैराफ्रेजिंग और क्वोट मार्क्स से 5% तक ला सकते हैं – सुपरवाइजर से कन्फर्म करें।
M.Pharm थिसिस फॉर्मेटिंग में आम गलतियां क्या हैं?
टाइम्स न्यू रोमन 12 फॉन्ट, 1.5 स्पेसिंग न फॉलो करने से रिजेक्ट। Quora पर एक्सपर्ट्स ने शेयर किया कि एब्स्ट्रैक्ट और रेफरेंसेज में APA स्टाइल मिस न करें; पिछले साल कई केस ऐसे हुए जहां सिर्फ कवर पेज गलत होने से डिले।
कैरी ओवर M.Arch छात्र ERP अपलोड कैसे करें?
पुराने ऑर्डिनेंस लागू, सेशनल मार्क्स अपडेट चेक करें। एक थ्रेड में छात्रों ने कहा कि फीस पेमेंट के बिना वैलिड नहीं – पहले अपलोड, फिर पे। अगर डिले, तो सुपरवाइजर से अपील।
ऑफलाइन विवा की तैयारी कैसे करें?
पिछले साल दिसंबर-फरवरी में हुआ था, इस बार जनवरी से शुरू संभावित। प्रेजेंटेशन प्रैक्टिस करें; Reddit पर सलाह है कि Q&A पर फोकस, क्योंकि 70% मार्क्स वहां से।






